'मेरे पिता का इंडस्ट्री में नाम होने के बावजूद मुझे कोई बहुत बड़ा डेब्यू नहीं मिला था।'
'इसलिये मुझे कभी इंडस्ट्री किड होने जैसा कभी महसूस ही नहीं हुआ।'
फोटोग्राफ: Shraddha Kapoor/Instagram के सौजन्य से
श्रद्धा कपूर तैयार हैं अपने करियर की अब तक की सबसे बड़ी फिल्म के लिये।
साहो को एक ऐतिहासिक पैमाने पर बनाया गया है, और इसमें बाहुबली के स्टार प्रभास हैं। ट्रेलर धमाकेदार ऐक्शन के साथ दिलचस्प लग रहा है।
लाज़मी है कि इस तरह की फिल्म अपने साथ काफ़ी दबाव लेकर आती है।
श्रद्धा ने रिडिफ़.कॉम की संवाददाता दिव्या सोलगामा को समझाया, "साहो एक बहुत बड़े बजट की फिल्म है, जिसकी लागत लगभग 350 करोड़ की है। अगर दर्शकों को फिल्म पसंद नहीं आयी, तो भारी नुकसान होगा।
क्या आपके मन में साहो में प्रभास के साथ काम करने को लेकर कोई संकोच था?
नहीं। बल्कि मैं एक धमाकेदार, बहुभाषी फिल्म में काम करने के लिये बेहद एक्साइटेड थी।
मैंने अभी तक ऐसा कुछ किया नहीं है।
मैं प्रभास के साथ काम करने के लिये भी उतनी ही एक्साइटेड थी।
फोटो: साहो का पोस्टर। फोटोग्राफ: Shraddha Kapoor/Instagram के सौजन्य से
आपने साहो में काफ़ी ऐक्शन किया है। आप बाग़ी में भी ऐक्शन कर चुकी हैं। तो क्या आप लगातार एक आइ-कैंडी से कहीं ज़्यादा कुछ कर दिखाने की कोशिश में लगी रहती हैं?
मुझे लगता है कि इस फिल्म के हर हिस्से में हमने नारी शक्ति की झलक देखी है।
दर्शक शक्तिशाली नारी को देखना पसंद करते हैं।
मैंने साहो में एक दमदार किरदार निभाया है। इस किरदार का सफ़र कई परतों में खुलता है।
इस फिल्म में मेरी दिलचस्पी इसलिये जागी, क्योंकि इसमें मेरा किरदार अहम है।
साहो एक बहुभाषी, बड़े बजट की फिल्म है, जिसमें बाहुबली के स्टार प्रभास भी हैं। क्या आपको दबाव महसूस हो रहा है?
प्रेशर बहुत ज़्यादा है लेकिन मैं इसके बारे में ज़्यादा न सोचने की कोशिश कर रही हूं।
मुझे इस साल कई चोटें लगी हैं; स्ट्रीट डांसर शूट में लगी मेरी गर्दन की चोट अभी भी ठीक नहीं हुई है।
साहो लगभग 350 करोड़ की लागत वाली बहुत बड़े बजट की फिल्म है। ऐसी फिल्में अपने साथ बहुत ज़्यादा प्रेशर लेकर आती हैं।
अगर दर्शकों को फिल्म पसंद नहीं आयी, तो भारी नुकसान होगा।
मैं इतनी नर्वस हूं, कि ख़ुद को एक कमरे में बंद कर लेने का मन कर रहा है!
फोटो: साहो में श्रद्धा कपूर।
आपको कौन सी बात नर्वस करती है - बड़ा बजट या फिर साउथ में आपकी पहली फिल्म?
मैं हर फिल्म के पहले नर्वस होती हूं।
हम सभी जानते हैं कि फिल्म बनाने में कई महीनों की मेहनत लगती है।
फिल्म बन जाने पर, रिलीज़ के एक सप्ताह बाद रिज़ल्ट आता है।
किसी ने मुझसे कहा था कि इस बार मैं नर्वस नहीं महसूस करूंगी, क्योंकि लगातार मेरी फिल्में अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं।
लेकिन हर रिलीज़ के साथ मैं और भी नर्वस होती जाती हूं।
मुझपर बतौर ऐक्टर कुछ अलग करने का भी दबाव है।
आपको कहाँ चोटें लगी हैं?
साहो में तो ज़्यादा नहीं, लेकिन स्ट्रीट डांसर में बहुत ज़्यादा।
मुझे याद है कि मैं छम छम (बाग़ी में) की शूटिंग कर रही थी और मेरे पाँवों से ख़ून बह रहा था।
मैं एक रेलवे स्टेशन पर थी और प्लैटफॉर्म बहुत ही खुरदरा था।
हालांकि डायरेक्टर ने मुझे जूते पहन कर नाचने के लिये कहा था, लेकिन उसमें मुझे फील नहीं आ रही थी।
मुझे लगता है कि किसी को कभी चोट नहीं लगनी चाहिये, क्योंकि ठीक होने में बहुत समय लग जाता है।
फोटो: बाग़ी के छम छम गाने में श्रद्धा टाइगर श्रॉफ़ के साथ।
साहो एक बहुभाषी फिल्म है। क्या एक ही सीन को अलग-अलग भाषाओं में शूट करना और सही इमोशन्स लाना मुश्किल काम था?
हाँ। सीन को उसी अंदाज़ में करना थोड़ा मुश्किल होता है।
बॉलीवुड और साउथ फिल्म इंडस्ट्री के बीच एक ख़ूबसूरत ताल-मेल है।
मुझे लगता है कि इस ख़ूबसूरत ताल-मेल की शुरुआत बाहुबली से हुई।
अलग-अलग फिल्म इंडस्ट्रीज़ का एक साथ आकर शानदार फिल्म बनाना संभव है।
इससे हमारे भारतीय सिनेमा का एक नया दौर शुरू हो सकता है।
इस नये दौर का हिस्सा होना मेरे लिये ख़ुशी की बात है।
फोटो: साहो में प्रभास के साथ श्रद्धा।
2018 में आपकी आपकी दो फिल्में स्त्री और बत्ती गुल मीटर चालू एक के बाद एक रिलीज़ हुईं। इस बार साहो और छिछोरे भी लगभग एक साथ ही आने वाले हैं। क्या यह ट्रेंड 2020 में भी जारी रहेगा?
उम्मीद है कि ऐसा न हो!
अग़र मेरे बस में होता, तो मैं अपनी फिल्मों के बीच ज़्यादा गैप रखती।
लेकिन ये मेरे हाथ में नहीं है और मैं इससे ख़ुश हूं।
साहो और छिछोरे, दोनों ही बड़ी फिल्में हैं और एक-दूससे से बिल्कुल अलग हैं।
मैंने दोनों में अलग तरह के किरदार निभाये हैं, और दोनों को लेकर मैं बेहद रोमांचित हूं।
बाक़ी सब कुछ दर्शकों के हाथ में है।
आप अपनी फिल्में कैसे चुनती हैं?
मैं हमेशा कुछ अलग करना चाहती हूं, फिर चाहे मेरी डेब्यू फिल्म (तीन पत्ती) हो या आशिक़ी 2 हो या फिर हसीना पार्कर हो।
मेरे पिता का इंडस्ट्री में नाम होने के बावजूद मुझे कोई बहुत बड़ा डेब्यू नहीं मिला था।
इसलिये मुझे कभी इंडस्ट्री किड होने जैसा कभी महसूस ही नहीं हुआ।
फोटो: स्ट्रीट डांसर के सेट्स पर श्रद्धा वरुण धवन के साथ। फोटोग्राफ: Shraddha Kapoor/Instagram के सौजन्य से
कॉम्पिटीशन कितना तगड़ा है?
आजकल कई तरह की फिल्में बन रही हैं; कुछ कमर्शियल हैं, तो कुछ विषय पर आधारित।
मैं दोनों तरह की फिल्में करना चाहती हूं, जहाँ तक हो सके।
दर्शकों को पसंद आने वाली फिल्म में होना बहुत ही अच्छी बात है। और जब आपके काम की तारीफ़ हो, तो बहुत ख़ुशी मिलती है।
मुझे पिछले दो साल से कॉम्पिटीशन के बारे में सोचने का समय नहीं मिला है।
मुझे छुट्टियाँ नहीं मिली हैं; मैं हर समय काम और शूटिंग करती रहती हूं।
मेरे पास मूवीज़ देखने तक का समय नहीं है।
मैंने गेम ऑफ़ थ्रोन्स देखना तब शुरू किया, जब लोगों को इसका बुखार उतर चुका था!
हम आपको किसी कॉमेडी में कब देखेंगे?
मुझे नहीं पता। मैं चालबाज़ जैसी कोई फिल्म ज़रूर करना चाहूंगी।
आपके पिता शक्ति कपूर के सबसे मशहूर रोल्स में से एक है अंदाज़ अपना अपना फिल्म में क्राइम मास्टर गोगो का किरदार। क्या आप उनके साथ कॉमेडी करना चाहेंगी?
जी हाँ, क्यों नहीं!
मुझे लगता है कि हमें एक फिल्म बनानी चाहिये, जिसका नाम होगा क्राइम मास्टर गोगो विद गोगी (हँसते हुए)।