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बेसबॉल से WWE तक: रिंकू सिंह की प्रेरणादायक कहानी

By लक्ष्मी नेगी
March 08, 2019

'मैं लोगों को बताना चाहता हूं कि आप कहीं से भी हों, अगर आपमें हिम्मत है, तो आपको कोई नहीं रोक सकता।'

रिंकू सिंह के WWE में आने की लंबी कहानी आपकी अब तक पढ़ी हुई सबसे प्रेरणादायक कहानियों में से एक होगी।

उत्तर प्रदेश के भदोई जिले के इस युवा की भाला फेंकने से लेकर बेसबॉल डायमंड में स्लाइडर्स फेंकने तक की कहानी अब एक नया मोड़ ले रही है।

पूर्व पायरेट्स माइनर-लीग पिचर अब WWE के अखाड़े में कूदने के लिये तैयार है।

भाला-फेंक में जूनियर नेशनल मेडलिस्ट, 30 वर्षीय रिंकू को उनके मिलियन डॉलर आर्म (2008 के एक रिऐलिटी टेलिविज़न शो) में  प्रदर्शन के बाद  दिनेश पटेल के साथ साइन किया गया था।

 

छः महीने लंबी चलने वाली ट्रेनिंग के बाद, रिंकू ने पिट्सबर्ग पायरेट्स के साथ एक प्रोफ़ेशनल स्पोर्ट्स कॉन्ट्रैक्ट साइन किया।

डिज़्नी ने रिंकू और दिनेश की सफलता पर मिलियन डॉलर आर्म नामक फिल्म बनाई, जिसमें सूरज शर्मा (लाइफ़ ऑफ़ पाइ) और मधुर मित्तल (स्लमडॉग मिलियनायर) ने भारतीय खिलाड़ियों का किरदार और जॉन हैम (मैड मेन) ने उनके मेन्टर का किरदार निभाया।

रिंकू कुछ समय रूक कर, आखिरकार वेस्ट वर्जीनिया पावर के साथ ए-बॉल तक पहुंचने के बाद बाँह की चोट जिसमें टॉमी जॉन सर्जरी और टूटी हुई कुहनी शामिल है, के कारण रिंकू का बेसबॉल करियर ख़त्म हो गया।

पिछले साल रिंकू ने WWE को अपना लक्ष्य बनाया और भारत एवं खाड़ी देशों के 40 पुरुष और महिला एथलीट्स के दस्ते में दुबई ओपेरा हाउस में केवल आमंत्रण पर आधारित ट्रायआउट के लिए शामिल हुए।

वहाँ पर उन्होंने WWE परफॉर्मेंस सेंटर कोचेज़ का दिल जीत कर एक WWE डेवलपमेंट कॉन्ट्रैक्ट हासिल कर लिया।

रिडिफ़.कॉम की लक्ष्मी नेगी के साथ इस विशेष इंटरव्यू में रिंकू ने बताया कि उन्होंने अपने करियर को बेसबॉल से वर्ल्ड रेसलिंग एंटरटेनमेंट में लाने का यह बड़ा कदम क्यों उठाया।

आपको WWE में आने की प्रेरणा कहाँ से मिली?

इसका सबसे बड़ा कारण था दुनिया के लिये एक मिसाल बनने की चाह।

आप चाहे कहीं से भी हों, WWE आपको दुनिया भर के लोगों, बच्चों को प्रेरित करने का मौका देता है।

WWE दुनिया के सबसे बड़े ब्रांड्स में से एक है। मुझे एक रोल मॉडल बनने के लिये WWE से बेहतर कोई मंच नहीं दिखा।

आप एक ऐसे खेल में कदम रखने जा रहे हैं, जिसे आपने न कभी खेला है (WWE), न कभी इसके बारे में सुना है (बेसबॉल), आप इसके बारे में क्या सोच रहे हैं?

इसका जवाब देने के लिये मुझे अपने सफर की शुरुआत से अपनी कहानी बतानी पड़ेगी।

मैं भारत का एक दुबला-पतला लड़का था, जिसपर कभी किसी ने विश्वास नहीं दिखाया था।

किसी को नहीं लगा था कि मैं ट्रैक ऐंड फील्ड में गोल्ड जीत लूंगा। मैंने खुद बाँस को काट कर अपना भाला बनाया था।

मैं लोगों को बताना चाहता हूं कि आप कहीं से भी हों, अगर आपमें हिम्मत है, तो आपको कोई नहीं रोक सकता।

लोगों ने ये कभी नहीं सोचा था कि 80,000 कंटेस्टेंट्स में से मैं जीत हासिल कर पाऊंगा। मैं वहाँ गया, और मैंने लोगों को गलत साबित किया।

अमेरिका ने कभी नहीं सोचा था कि एक भारतीय बच्चा कभी प्रोफेशनल कॉन्ट्रैक्ट साइन करेगा।

आपको जानकर हैरानी होगी, कि मैं बेसबॉल में प्रोफेशनल कॉन्ट्रैक्ट साइन करने वाला पहला भारतीय बना।

हालांकि मुझे बेसबॉल के बारे में कुछ भी नहीं पता था, फिर भी मैं वहाँ गया और मैंने कर दिखाया। मैंने आठ साल प्रोफेशनल बेसबॉल खेला।

और जब लोगों को लगा कि रिंकू सिंह बेसबॉल के वातावरण से अब बाहर नहीं आ सकता, तो एक बार फिर मैंने उन्हें गलत साबित किया है।

मुझे रेसलिंग के बारे में कुछ भी पता नहीं है, लेकिन मुझे इसे आज़माने में डर नहीं लगा।

मेरी उम्र अभी ज़्यादा नहीं है। और यंग होने पर आपके पास मौकों की कमी नहीं होती।

मैंने 29 साल की उम्र में यह फैसला लिया, मुझे लगा मेरे सामने आज जो मौका है, कल नहीं रहेगा।

सब कुछ आपके विश्वास पर है, अगर आपको विश्वास है कि आप मंज़िल को पा सकते हैं, तो आप ज़रूर सफल होंगे।

अगर आपमें कुछ बड़ा करने और अपने परिवार का नाम ऊंचा करने की चाह है, तो आपको कोई रोक नहीं सकता।

और मैंने यही किया है।

मुझे मेहनत करना अच्छा लगता है। मैंने तीसरी बार अपना प्रोफेशन बदला है और तीनों एक-दूसरे से बिल्कुल अलग हैं।

आपकी नोटबुक पर सबसे ऊपर कौन सी चीज़ रहती है? लोग आपको ट्रेनिंग के समय लंबे समय तक नोट्स लेने के लिये जानते हैं।

कोई एक चीज़ नहीं। मैं रोज़ 100 चीज़ें लिखता हूं।

मैं नोट्स लिखने में विश्वास रखता हूं, क्योंकि मुझे सुनने की शक्ति में पूरा भरोसा है।

जब मैं घर जाकर दुबारा इसे पढ़ता हूं, तो इसे याद कर लेता हूं।

सोने से पहले मैं अपने ख़्यालों में खुद को नयी सीखी हुई चीज़ें करता हुआ देखता हूं।

सुबह उठने पर मैं दुबारा इसे पढ़ता हूं, ताकि पहले वाली गलती मुझसे दुबारा न हो।

इसलिये खुद में सुधार लाने के लिये नोट्स लेना बेहद ज़रूरी है, ताकि आपको बार-बार कोच से एक ही बात न पूछनी पड़े।

नोट्स लेने से मुझे अपने सफर में काफी मदद मिली है।

कुछ ऐसे मूव्स हैं जिन्हें सीखकर मैं प्रैक्टिस करता आ रहा हूं, और धीरे-धीरे अपने मैचेज़ में अपना रहा हूं, जब भारत में हम शोज़ करेंगे तो यह भारत के लिये एक बड़ा सरप्राइज़ होगा। आपको जल्द ही यह बात पता चलेगी।

मिलियन डॉलर आर्म के बाद WWE के साथ आप हमेशा ही सुर्खियों में रहे हैं। क्या आपने कभी ऐक्टिंग के बारे में भी सोचा है?

बॉलीवुड मेरी सबसे मनपसंद चीज़ों में से एक है। बॉलीवुड किसे नहीं पता? मुझे बॉलीवुड से बहुत प्यार है और क्या पता शायद एक दिन मुझे भी बॉलीवुड में काम करने का मौका मिल जाये।

इतने दिन यूएस में रहने के बाद भी आप धोती पहनते हैं और लोगों को नमस्ते करते हैं।

WWE में हमारी संस्कृति को लाना बेहद ज़रूरी है। मुझे लगता है अपने कल्चर को दिखाने का इससे बड़ा मंच कोई नहीं होगा।

धोती, रुद्राक्ष, चंदन, नमस्ते करना हमारे देश और हमारी संस्कृति की पहचान है।

नमस्ते आम ज़िंदग़ी में बहुत ही प्यार और शांति से किया जाता है। लेकिन रेसलिंग के अखाड़े में हम नमस्ते बहुत ही आक्रामक और गंभीर अंदाज़ में करते हैं।

हमारे विरोधियों को यह सुनकर डर लगता है। यह बहुत ही अच्छा जा रहा है।

क्या अपना सफ़र शुरू करने पर आपने यह सब सोचा था?

मैं अपने सपने को जी रहा हूं। आप कोई भी सपना देख सकते हैं, लेकिन हक़ीकत अलग ही होती है।

मेरा सपना है भारत में WWE टैग टीम चैम्पियन बनना।

इसके बाद मैं भारत में पिछड़े वर्ग के बच्चों के लिये मुफ़्त शिक्षा केंद्र खोलना चाहता हूं।

क्या आपका कोई WWE आइडल है?

जॉन सीना मेरे सबसे बड़े आइडल हैं।

देखिये कि वो रिंग से बाहर क्या करते हैं।

वो इंसान जहाँ भी हो -- हमेशा बच्चों के लिये समय निकालता है। मुझे उनकी यह बात बहुत ज़्यादा पसंद है।

क्या आपको लगता है कि आपके ऊपर मूवी बननी चाहिये?

मैं अपने गाँव में बहुत ही शांत और सुखी जीवन जी रहा था।

मेरे पिता ट्रक ड्राइवर थे और मेरी तीन बहनें और चार भाई हैं।

दो बड़े भाई भारतीय सेना में हैं। और एक भाई ने लंबी दूरी की दौड़ में भारत का प्रतिनिधित्व किया है।

मिलियन डॉलर आर्म  मूवी मेरी कहानी से ज़्यादा एजेंट (जॉन हैम का किरदार) के ऊपर आधारित थी।

मुझे याद है कि कैसे 17 वर्ष की उम्र में मैं लखनऊ से नयी दिल्ली की ट्रेन में चल पड़ा था... और मेरे बटुए में उस समय एक भी पैसा नहीं था।

स्पोर्ट्स अकेडमी में होना, मिलियन डॉलर जीतने के लिये ट्रेन पकड़ना, ताकि मैं अपने पिता को उनकी ज़िम्मेदारियों से आज़ाद कर सकूं और अपने परिवार के लिये एक घर बना सकूं। यह अपने आप में एक अनोखी कहानी है।

जब मैं WWE के मुख्य रोस्टर में जाऊंगा, तो शायद मूवी का दूसरा भाग बनेगा। जो शायद मेरी ज़िंदग़ी के ऊपर होगा।

मैं यूएस में कुछ लोगों से बात कर रहा हूं, जो एक डॉक्युमेंट्री बनाना चाहते हैं।

मैंने किसी टाइटल के बारे में कभी नहीं सोचा है, बल्कि मैं अपनी आज की ज़िंदग़ी पर ध्यान दे रहा हूं। मुझे लगता है मेरे मुश्किल दिनों की कहानी में लोग अपने-आप को देख सकेंगे।

लेकिन वहाँ से बाहर निकलना, अपने कम्फर्ट ज़ोन को छोड़ना, और अपने परिवार के लिये सही कदम उठाना हर भारतीय युवा को प्रेरित करने के लिये एक पर्फेक्ट कहानी होगी।

मेरी कहानी उन्हें बतायेगी कि तुम अकेले ही तकलीफ़ में नहीं हो, मुझे देखो, मैंने भी तकलीफ़ को सहा है, लेकिन मैंने कुछ बड़ा करने का फैसला लिया।

तो शिकायत करना बंद करो, ये मत कहो कि मेरे पास ये नहीं है, वो नहीं है।

बस अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर आओ और कुछ अलग कर दिखाओ।

लक्ष्मी नेगी

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