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न्यू यॉर्क में हमले का शिकार हुए हिंदू पुजारी
By पी राजेंद्रन
July 29, 2019

स्वामी हरीश चंदर पुरी के प्रति सहयोग जताने आये न्यू यॉर्क सिटी काउंसिलमैन डोनोवन फिलिप्स ने इसका दोष राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा बनाये गये उत्तेजित वातावरण को दिया। पी राजेंद्रन ने न्यू यॉर्क से रिपोर्ट साझा की।

फोटो: स्वामी हरीश चंदर पुरी, जिनपर पिछले सप्ताह न्यू यॉर्क में हमला किया गया। फोटोग्राफ: रिडिफ़.कॉम के लिये पी राजेंद्रन

जुलाई 18 को एक निंदनीय हमले का शिकार हुए क्वीन्स, न्यू यॉर्क में रहने वाले एक हिंदू पुजारी, स्वामी हरीश चंदर पुरी ने जुलाई 23 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उन्होंने हमलावर को माफ़ कर दिया है और वे सिर्फ शांति चाहते हैं।

62 वर्षीय पुरी 264th स्ट्रीट पर शिव शक्ति पीठ मंदिर और ग्लेन ओक्स, न्यू यॉर्क में हिलसाइड एवन्यू से लगभग सुबह 11 बजे निकले थे।

पैदल चलकर वह 85th एवन्यू की दक्षिण दिशा में कुछ ब्लॉक्स दूर आये थे कि तभी उसी गली में कुछ आगे रहने वाला सर्जियो गोविया, 52 उनके पीछे लग गया।

शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार गोविया ने चिल्लाकर कहा कि 'यह मेरा इलाका है', जिसके बाद उसने पुरी पर घूंसों और अपने छाते से हमला कर दिया।

पुरी ने रिडिफ़.कॉम को बताया कि उस आदमी ने 'मैं तुम्हें जान से मार दूंगा' से ज़्यादा कुछ कहा नहीं।

पुरी को याद नहीं है कि उनपर कितने वार किये गये -- या घूंसों के अलावा और किसी चीज़ का इस्तेमाल किया गया।

उन्हें बस इतना पता है कि वे ज़मीन पर गिरे हुए थे और उनपर लगातार वार हो रहे थे।

उन्होंने बताया कि सौभाग्य से किसी ने पुलिस को बुला लिया, जिन्हें आने में दो से तीन मिनट लगे होंगे।

पुरी ने गोविया के बारे में बताया: "उसकी स्थिति सामान्य नहीं है। वह पुलिस के आने पर भागा नहीं।"

वास्तव में, पुलिस ने गोविया को घसीटते हुए उनसे अलग किया, पुरी ने बताया।

फोटो: स्वामी हरीश चंदर पुरी न्यू यॉर्क सिटी काउंसिलमैन डोनोवन रिचर्ड्स के साथ। फोटोग्राफ: रिडिफ़.कॉम के लिये पी राजेंद्रन

मंगलवार, जुलाई 23 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, पुरी ने हमले के बाद अपनी स्थिति बताई: "उस घटना के बाद मेरे मुंह, नाक और कान से ख़ून निकल रहा था।"

पुरी को इलाज के लिये लाँग आइलैंड ज्यूइश मेडिकल सेंटर ले जाया गया।

पुजारी जी के चेहरे और शरीर पर अभी भी खरोंच के निशान थे, ख़ास तौर पर उनके बायें घुटने पर एक गंभीर लाल ज़ख़्म साफ़ दिखाई दे रहा था।

पुरी ने कहा कि दुनिया भर के सहानुभूति रखने वाले सहमे लोगों, राजनेताओं, समाजसेवियों और समाज के अन्य घटकों से मिली प्रतिक्रिया के लिये वे सभी के आभारी हैं।

न्यू यॉर्क में भारत के कॉन्सूल जनरल, राजदूत संदीप चक्रबर्ती भारत का सहयोग जताने के लिये मंदिर आये।

'मैं शिव शक्ति पीठ के स्वामीजी से मिला, जिनपर एक असामाजिक तत्व ने हमला कर दिया था।', राजदूत चक्रबर्ती ने ट्वीट में कहा। 'वे अभी घर पर हैं, ठीक हो रहे हैं और अपनी आध्यत्मिक सेवाऍं दुबारा शुरू कर चुके हैं। हमलावर को तुरंत गिरफ़्तार करने के लिये पुलिस का धन्यवाद। सहयोग के लिये @RepGraceMeng और @RepTomSuozzi तथा भारतीय समुदाय का बहुत-बहुत धन्यवाद।'

हरियाणा के कुरुक्षेत्र के मूल निवासी, पुरी जी 1988 में पहली बार न्यू यॉर्क आये थे, और पहले कोरोना के गीता मंदिर के पुजारी थे, जिसके दस साल बाद उन्होंने शिव शक्ति फाउंडेशन की स्थापना की।

ग्लेन ओक्स का शिव शक्ति पीठ मंदिर अप्रैल में शुरू हुआ।

पुरी ने कहा कि इतने सालों में US में उनके साथ ऐसी कोई भी घटना नहीं हुई है।

सहयोग जताने आये न्यू यॉर्क सिटी काउंसिलमैन डोनोवन फिलिप्स ने इसका दोष राष्ट्रपति डॉनल्ड जे ट्रम्प द्वारा बनाये गये उत्तेजित वातावरण को दिया।

मंदिर में भेंट करने आने वाले परिवारों से मिलते और उनके बच्चों को हर्शी’ज़ चॉकलेट्स देते हुए दिखने के बावजूद, साफ़ पता चल रहा था कि पुरी जी अभी भी ठीक नहीं हुए हैं।

जब बाहर निकलते समय काउंसिलमैन रिचर्ड्स ने उन्हें गले लगाया, तो चेहरे पर शिकन के साथ उन्होंने कहा "दर्द हो रहा है।"

न्यू यॉर्क की अटॉर्नी जनरल लेटीशिया जेम्स ने कहा कि इस हमले को एक जातिवादी हमला माना जाना चाहिये।

"मुझे पूरा यक़ीन है कि यह एक द्वेष आधारित अपराध है, इसलिये मैं NYPD (न्यू यॉर्क पुलिस डिपार्टमेंट) से निवेदन करूंगी कि इसकी जाँच भी इसी नज़रिये के साथ की जाये," जेम्स ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा।

"मैं इस घटना के चश्मदीद गवाहों से आगे आने का निवेदन करूंगी।"

NYPD ने अभी तक गोविया पर हेट क्राइम (द्वेषापराध) का आरोप दाखिल नहीं किया है, और उनकी छान-बीन घटनास्थल पर मौजूद गवाहों और पुलिसकर्मियों के बयानों और पुरी द्वारा दिये विवरण पर आधारित है।

गोविया के लिस्टेड फोन नंबर पर फोन करने से पता चला कि उसका नंबर सेवा में नहीं था।

लीगल एड सोसाइटी के रॉबिन लेविन्सन ज़लेस्वकी और गोविया के वकील ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। 

पी राजेंद्रन
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