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'मैं आत्माओं में विश्वास करती हूं'
By दिव्या सोलगामा
October 22, 2019

'अगर आपको सेक्स देखना है, तो जाकर पोर्न देखिये। आपको उसके लिये फिल्म या वेब सीरीज़ देखने की ज़रूरत नहीं है।'

फोटोग्राफ: Sanaya Irani /Instagram के सौजन्य से

सनाया इरानी हमें अपनी आने वाली फिल्म घोस्ट  में डराने के लिये बिल्कुल तैयार हैं, जिसके डायरेक्टर विक्रम भट्ट हैं।

आत्माओं में विश्वास रखने वाली इस अभिनेत्री का कहना है कि हॉरर जॉनर में फिल्म बनाना बहुत ही ज़्यादा मेहनत का काम है।

सबसे पहले तो आपको तेज़ दौड़ना है!

उसके बाद, सबसे बड़ी बात:

"मेरे सामने मुझे डराने वाली कोई चीज़ नहीं है, लेकिन मुझे डरना है, ताकि दर्शक मेरे डर को महसूस करें," सनाया ने रिडिफ़.कॉम की संवाददाता दिव्या सोलगामा से कहा।

आप अपने अभी तक के सफर को कैसे देखती हैं?

यह काफी सकारात्मक रहा है।

इंडस्ट्री में कदम रखने के बाद मैं बस अभिनय करना चाहती थी।

मुझे अभिनय की प्रक्रिया बहुत पसंद है।

मुझे ख़ुशी है कि प्रसिद्धि और लोकप्रियता से मेरा ध्यान नहीं भटका है, क्योंकि अगर मुझे फिल्में ही करनी होतीं, तो मैं पाँच-दस साल पहले कर चुकी होती।

हालांकि मैं फिल्म इंडस्ट्री में बहुत देर से शामिल हुई, लेकिन यह सोच-समझ कर लिया हुआ फैसला नहीं था।

मैं अच्छे काम की तलाश में थी।

बात बस इतनी है कि मैं मुझे अभी मिल रहे ऑफ़र्स के साथ टेलीविज़न नहीं करना चाहती।

सौभाग्य से मुझे विक्रम भट्ट ने ज़िंदाबाद  नामक वेब सीरीज़ ऑफ़र की।

जब उन्हें उसमें मेरा काम पसंद आया, तो मुझे घोस्ट  मिली।

फोटो: घोस्ट  का एक दृश्य।

घोस्ट  एक हॉरर मूवी है। यह कितना थकाने वाला अनुभव था?

यह सचमुच मुश्किल काम है।

शारीरिक रूप से, क्योंकि आपको तेज़ दौड़ना पड़ता है।

मानसिक रूप से, क्योंकि आपको पोल जैसी किसी चीज़ के सामने अभिनय करना पड़ता है, बाक़ी सब VFX का काम होता है। तो आपको अपनी सोच के अनुसार अभिनय करना पड़ता है।

मेरे सामने मुझे डराने वाली कोई चीज़ नहीं है, लेकिन मुझे डरना है, ताकि दर्शक मेरे डर को महसूस करें।

मुझे सावधान रहना है कि मैं कैमरा के सामने ओवररिऐक्ट न करूं।

इसलिये मैं विक्रम से पूछती रहती हूं कि मुझे कितना डरना है।

क्या आप भूतों या अलौकिक शक्तियों में विश्वास रखती हैं?

मैं आत्माओं में विश्वास रखती हूं।

मैं मानती हूं कि हमारी आत्मा और पिछला जन्म होता है, और हमारा शरीर अलग-अलग रूप लेता रहता है।

जैसे, मेरी समझ में यह बात नहीं आती कि प्रसिद्धि और आपके बीच खींच-तान क्यों चलती है।

सब कुछ कर्म का खेल है।

मुझे नहीं लगता कि सभी आत्माऍं शैतानी होती हैं।

लेकिन मैं उनमें विश्वास रखती हूं, इसलिये मैं डरती हूं।

फोटोग्राफ: Sanaya Irani /Instagram के सौजन्य से

आज के दौर में आप बॉलीवुड हॉरर मूवीज़ को कहाँ देखती हैं, जब डिजिटल प्लैटफॉर्म्स नयी-नयी चीज़ें ला रहे हैं और अंतर्राष्ट्रीय हॉरर मूवीज़ हिंदी में डब की जा रही हैं।

एमेज़ॉन और नेटफ़्लिक्स सचमुच तूफ़ानी रफ़्तार से चीज़ों को आगे ले जा रहे हैं।

हालांकि यह बहुत ही अच्छी बात है, लेकिन हमारी हॉरर फिल्मों के लिए ज़्यादा मुश्किल हो गयी हैं।

जब भी कोई किसी फिल्म को प्रमोट करता है, तो दर्शकों को उम्मीदें बेची जाती हैं।

लेकिन लोगों को फिल्में खुले दिमाग़ के साथ देखनी चाहिये।

लोग नेटफ़्लिक्स या एमेज़ॉन पर हॉरर फिल्में खुले दिमाग़ से देखते हैं।

मुझसे पूछें तो एक सीरीज़ के एक एपिसोड में मैं सिर्फ एक बार डरी, लेकिन कहानी शानदार होने के कारण मेरी दिलचस्पी बनी रही।

तो मैं सुझाव दूंगी कि लोगों को यह फिल्म भी ऐसे ही देखनी चाहिये, क्योंकि घोस्ट  में डर के अलावा और भी चीज़ें शामिल हैं।

इसमें अदालत और अलौकिक शक्तियों के आमने-सामने होने का एक मोड़ है, और एक मोड़ है जहाँ मेरा किरदार अपनी ही ज़िंदग़ी की समस्याओं से जूझ रहा है।

कहा जा सकता है कि हॉरर फिल्मों में अंदाज़ा लगाना आसान होता है, लेकिन ख़ुद से पूछें कि क्या आपने फिल्म के सफ़र का मज़ा लिया।

क्या आपने कुर्सी को पकड़ा?

क्या आप डरे?

क्या कमसे कम पाँच बार आप अपनी जगह से उछले?

और अगर ये सारी चीज़ें हुईं, तो फिल्म ने अपने लक्ष्य को हासिल कर लिया है।

फोटोग्राफ: Sanaya Irani /Instagram के सौजन्य से

कौन सी हॉरर फिल्मों में आपको सचमुच डर लगा था?

इट (चैप्टर वन) में मैं सचमुच डर गयी थी।

निकोल किडमैन की दि अदर्स  मूवी ने मेरे होश उड़ा दिये थे, क्योंकि इसकी कहानी मेरे दिमाग़ से खेल रही थी और मुझे सोच में डाल दिया था।

नेटफ़्लिक्स पर द हॉन्टिंग ऑफ़ हिल हाउस  नामक एक शो है, जिसे ख़ूबसूरती से लिखा और दिखाया गया है।

लेकिन एक या दो को छोड़ कर सभी मूवीज़ और सीरीज़ का अंत घिसा-पिटा होता है। लेकिन अगर ये आपकी दिलचस्पी को बनाये रखें, आपको शानदार डायरेक्शन और परफॉर्मेंसेज़ देखने मिलें, तो क्या फ़र्क पड़ता है।

कुछ OTT प्लैटफॉर्म्स पर कुछ सेक्स-बेस्ड हॉरर फिल्में दिखाई जा रही हैं।

सेक्स से जुड़ी चीज़ें कोई भी बना सकता है।

सेक्स बिकता है और बिकता रहेगा।

लेकिन मैं मानती हूं कि सेक्स इंटरनेट पर मुफ़्त में भी उपलब्ध है।

अगर आपको सेक्स देखना है, तो जाकर पोर्न देखिये। आपको उसके लिये फिल्म या वेब सीरीज़ देखने की ज़रूरत नहीं है।

मैं ऐसी चीज़ों का हिस्सा नहीं बनना चाहती।

फोटोग्राफ: Sanaya Irani /Instagram के सौजन्य से

अब आपका अगला क़दम क्या होगा?

अभी कुछ सोचा हुआ नहीं है। मैं सही प्रोजेक्ट का इंतज़ार कर रही हूं।

मेरे फैन्स और दर्शक पूछते रहते हैं कि मैं ये क्यों नहीं कर रही, वो क्यों नहीं कर रही।

लेकिन मैं कहना चाहूंगी कि अगर लोग आज मुझे पसंद करते हैं, तो मेरे काम और निजी ज़िंदग़ी में लिये गये सही फैसलों के कारण ही पसंद करते हैं।

मुझे उम्मीद है कि लोग घोस्ट  को देखेंगे, उसे पसंद करेंगे और उसका मज़ा लेंगे। 

दिव्या सोलगामा
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